पैकेज्ड-फूड से बीमार पड़ीं, केमिकल-फ्री फूड का बिजनेस शुरू किया: 23 साल की ईशा की कंपनी को कई देशों से ऑर्डर, शार्क टैंक से मिली 1 करोड़ क...
पैकेज्ड-फूड से बीमार पड़ीं, केमिकल-फ्री फूड का बिजनेस शुरू किया: 23 साल की ईशा की कंपनी को कई देशों से ऑर्डर, शार्क टैंक से मिली 1 करोड़ की फंडिंग:
छत्तीसगढ़ : की 23 साल की ईशा झंवर ने अपनी सेहत की चिंता से लेकर एक सफल बिजनेस खड़ा करने तक का सफर तय किया है। महज 25 हजार रुपये की शुरुआती पूंजी से शुरू हुए इस सफर ने तीन साल में 10 करोड़ के टर्नओवर तक का मुकाम हासिल कर लिया। उनकी कंपनी ने न सिर्फ भारत में, बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बनाई और अब कई देशों से उनके केमिकल-फ्री फूड प्रोडक्ट्स के लिए ऑर्डर आ रहे हैं।
ईशा की मेहनत और जुनून को पहचान मिली जब शार्क टैंक इंडिया सीजन-4 में उनकी कंपनी को 1 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली। ये सफलता उनकी कड़ी मेहनत और सही रणनीति का नतीजा है, जिससे उन्होंने प्राकृतिक और हेल्दी फूड के क्षेत्र में अपनी मजबूत जगह बनाई।
कैसे आया बिजनेस का आइडिया?
ईशा खुद पैकेज्ड फूड के कारण बीमार हुई थीं। इस घटना ने उन्हें सोचने पर मजबूर किया कि आखिर बाजार में ऐसे हेल्दी और केमिकल-फ्री फूड प्रोडक्ट्स क्यों नहीं हैं, जो लोगों की सेहत को नुकसान न पहुंचाएं? इसी सवाल का जवाब तलाशते हुए उन्होंने खुद एक ऐसा ब्रांड खड़ा किया, जो 100% नेचुरल और केमिकल-फ्री प्रोडक्ट्स बनाता है।
कम पूंजी से बड़े टर्नओवर तक:
ईशा ने 25 हजार रुपये से अपने बिजनेस की शुरुआत की थी। शुरुआती दिनों में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अपने उत्पादों की गुणवत्ता और ग्राहकों के भरोसे की बदौलत उन्होंने धीरे-धीरे अपनी कंपनी को बड़ा किया। आज उनकी कंपनी देशभर में अपने प्रोडक्ट्स सप्लाई कर रही है और अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी एंट्री कर रही है।
शार्क टैंक में छाया बिजनेस आइडिया:
शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में जब ईशा अपनी कंपनी का आइडिया लेकर पहुंचीं, तो निवेशकों ने उनके बिजनेस मॉडल को खूब सराहा। उन्होंने ईशा के प्रोडक्ट्स की क्वालिटी, बिजनेस ग्रोथ और मार्केट डिमांड को देखते हुए 1 करोड़ रुपये की फंडिंग दी।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा:
ईशा झंवर की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कम उम्र में कुछ नया और बड़ा करना चाहते हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि सही सोच, मेहनत और लगन से किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। उनका सफर दर्शाता है कि अगर किसी में कुछ कर गुजरने की हिम्मत हो, तो छोटी शुरुआत भी बड़े मुकाम तक पहुंच सकती है।
आगे की राह:
ईशा अब अपने ब्रांड को और विस्तार देने की योजना बना रही हैं। उनका मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शुद्ध, प्राकृतिक और केमिकल-फ्री फूड पहुंचाना है, ताकि हर कोई सेहतमंद जीवन जी सके।
इस युवा महिला उद्यमी की सफलता सिर्फ उनकी मेहनत की कहानी नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे एक सही आइडिया और दृढ़ निश्चय से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
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